अमेरिका में जन्म लेने वाले बच्चों को नागरिकता मिलने की व्यवस्था पर बड़ा अपडेट सामने आया है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जारी किए गए Executive Order 14160 को अमेरिकी अदालत ने देशभर में रोक दिया है। यह आदेश अमेरिका में अवैध या अस्थायी वीज़ा वाले माता-पिता के बच्चों को नागरिकता देने से रोकता था।
कोर्ट का फैसला क्या है?
न्यू हैम्पशायर के जज जोसेफ लाप्लांटे ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ट्रंप का आदेश अमेरिका के संविधान के 14वें संशोधन का उल्लंघन करता है, जिसमें कहा गया है कि अमेरिका में जन्मे सभी बच्चों को नागरिकता का अधिकार है, चाहे उनके माता-पिता की स्थिति कुछ भी हो।
कौन-कौन होगा प्रभावित?
इस आदेश पर रोक लगने से अब 20 फरवरी 2025 के बाद पैदा होने वाले उन बच्चों को भी अमेरिकी नागरिकता मिलेगी, जिनके माता-पिता अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं या उनके पास अस्थायी वीजा है।
अदालत ने क्यों दी रोक?
कोर्ट ने कहा कि इससे हजारों बच्चों के भविष्य पर संकट आ सकता था।
ACLU (American Civil Liberties Union) द्वारा दायर क्लास-एक्शन मुकदमे में यह आदेश मिला।
जज ने कहा कि यह संविधान के खिलाफ है और इससे “अपरिवर्तनीय नुकसान” हो सकता है।
आगे क्या होगा?
अदालत ने 7 दिन का समय दिया है, ताकि जस्टिस डिपार्टमेंट इस फैसले के खिलाफ अपील कर सके।
अगर अपील सफल नहीं होती, तो ट्रंप का आदेश पूरी तरह से अमान्य हो जाएगा।
भारतीयों के लिए क्यों ज़रूरी है ये खबर?
हज़ारों भारतीय परिवार अमेरिका में पढ़ाई, नौकरी या अस्थायी वीज़ा पर रह रहे हैं। ऐसे में यदि उनके बच्चों का जन्म अमेरिका में होता है, तो उन्हें अभी तक अमेरिकी नागरिकता मिलती रही है। ट्रंप के आदेश के चलते यह अधिकार खतरे में पड़ गया था, लेकिन कोर्ट के फैसले से भारतीय प्रवासी समुदाय को बड़ी राहत मिली है।
अमेरिका की अदालत ने ट्रंप के विवादित बर्थराइट सिटीजनशिप आदेश पर रोक लगाकर संविधान के मूल सिद्धांतों की रक्षा की है। यह फैसला भारतीयों सहित उन सभी प्रवासी परिवारों के लिए राहत की सांस है, जो अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित थे।





