Uddhav-Raj Thackeray Rally: BJP Slams it as Desperate Political Show and Family Reunion
मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में एक अहम घटनाक्रम के रूप में, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे पहली बार लंबे समय बाद एक साथ मंच पर आए। शनिवार को मुंबई के वर्ली में आयोजित ‘आवाज मराठ्याचा’ रैली में दोनों ठाकरे भाइयों की मौजूदगी ने राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज कर दी है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस रैली को “राजनीतिक मजबूरी का नाटक” और “पारिवारिक मिलन” करार दिया है।
इस रैली का आयोजन राज्य सरकार द्वारा स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में शामिल करने वाले प्रस्ताव को वापस लेने के उपलक्ष्य में किया गया। मंच से दोनों नेताओं ने मराठी भाषा और मराठी अस्मिता पर ज़ोर दिया और आगामी BMC चुनाव मिलकर लड़ने के संकेत दिए।
BJP का तीखा वार:
बीजेपी नेताओं ने इस आयोजन को मराठी भाषा की चिंता से ज्यादा राजनीतिक अवसरवाद से प्रेरित बताया।
आशीष शेलार ने कहा, “यह एक भाई को खुश करने का पाखंडी नाटक था, जिसे कभी घर से बाहर निकाला गया था।”
उन्होंने आरोप लगाया कि शिवसेना (UBT) BMC की सत्ता पाने के लिए मराठी भाषा की आड़ ले रही है।
प्रवीण दरेकर ने इसे साफ़ तौर पर “राजनीतिक कार्यक्रम” बताया, जिसमें मराठी मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश की गई।
उन्होंने कहा, “यह मंच सांस्कृतिक नहीं था, बल्कि सत्ता वापसी की एक रणनीति थी।”
चंद्रशेखर बावनकुले ने उद्धव ठाकरे पर “मराठी प्रेम” के नाम पर पाखंड करने का आरोप लगाया और याद दिलाया कि 2022 में उन्हीं की सरकार ने हिंदी को अनिवार्य बनाने की सिफारिश की थी।
राज-उद्धव की नज़दीकी पर BJP की प्रतिक्रिया:
राज ठाकरे द्वारा फडणवीस की तारीफ करते हुए कहा गया कि “उन्होंने दोनों भाइयों को एक साथ लाने का काम कर दिखाया,” पर बीजेपी ने इसे व्यंग्य के रूप में देखा।
बीजेपी नेताओं ने याद दिलाया कि कैसे शिवसेना ने अतीत में कई सहयोगियों को छोड़ दिया, जिसमें खुद राज ठाकरे, नारायण राणे और अन्य शामिल थे।
उन्होंने इसे सत्ता में लौटने का प्रयास बताया और कहा कि मराठी भाषा केवल एक बहाना है।
मिलेजुले सुर:
जहां एक ओर नितेश राणे ने इस रैली को “हिंदू विरोधी” तक कहा, वहीं सुधीर मुनगंटीवार ने संयमित प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर दोनों भाई एक हो रहे हैं, तो यह “अच्छी बात है” और उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
राज और उद्धव ठाकरे की साझा रैली ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है। जहां समर्थक इसे मराठी अस्मिता की एकजुटता मानते हैं, वहीं विरोधी इसे राजनीतिक अस्तित्व बचाने की कवायद बता रहे हैं। आने वाले BMC चुनाव में यह गठबंधन क्या रंग लाता है, यह देखना दिलचस्प होगा।
– by Team KhabreeAdda.in





