Political Tensions Rise as Sukhbir Badal Detained in Protest March Over Majithia’s Arrest
पंजाब की राजनीति में उस समय नया मोड़ आ गया जब शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। वे भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार पार्टी नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के समर्थन में विजिलेंस ब्यूरो कार्यालय तक मार्च करने जा रहे थे।
सुखबीर बादल को करीब एक घंटे बाद रिहा कर दिया गया। उसी समय मोहाली की अदालत में मजीठिया को पेश किया गया क्योंकि उनकी 7 दिन की विजिलेंस रिमांड समाप्त हो रही थी। पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने का हवाला दिया, लेकिन बादल ने इसे “अघोषित आपातकाल” करार देते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान की आलोचना की।
सुखबीर सिंह बादल और अन्य अकाली नेताओं को मोहाली में हिरासत में लिया गया।
यह कार्रवाई बिक्रम मजीठिया की गिरफ्तारी के विरोध में किए जा रहे मार्च को रोकने के लिए की गई।
सभी नेताओं को बाद में रिहा कर दिया गया।
सुखबीर बादल का तीखा हमला
रिहाई के तुरंत बाद सुखबीर बादल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधते हुए कहा:
“पंजाब में अघोषित आपातकाल लगा दिया गया है। अकाली कार्यकर्ताओं को झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है।”
उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को “कायरतापूर्ण” करार दिया और आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है।
गिरफ्तारी से पहले की गतिविधि
अकाली नेता अंबा साहिब गुरुद्वारा में एकत्र हुए थे और वहीं मत्था टेकने के बाद मार्च की योजना थी।
पुलिस ने चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर उनके काफिले को रोक दिया।
सुखबीर बादल और पुलिस अधिकारियों के बीच तीखी बहस हुई।
उन्होंने पुलिस से सवाल किया,
“ये आदेश किसके हैं – भगवंत मान या अरविंद केजरीवाल के?”
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
हिरासत से रिहा होने के बाद सुखबीर बादल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया:
“हम मोहाली जा रहे थे बिक्रम मजीठिया के समर्थन में। लेकिन हमें हमारे घरों से उठाया गया और नाकों पर रोका गया। मुख्यमंत्री भगवंत मान को जनता के समर्थन से डर लग रहा है।”
सुखबीर बादल की गिरफ्तारी और उसके बाद की प्रतिक्रियाएं एक बार फिर से पंजाब की राजनीति को केंद्र में ले आई हैं। आने वाले समय में यह मुद्दा और उग्र हो सकता है, खासकर जब मजीठिया की जांच और सुनवाई आगे बढ़ेगी।
– by team khabreeadda.in





