Denmark Makes Military Service Mandatory for Women Amid Rising Security Concerns
डेनमार्क: यूरोप में बढ़ते सुरक्षा संकट के बीच डेनमार्क ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए महिलाओं के लिए भी अनिवार्य सैन्य सेवा (Military Conscription) लागू कर दी है। यह नया नियम 1 जुलाई 2025 से प्रभाव में आ गया है, जिसके तहत 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाली महिलाओं को अब पुरुषों की तरह 11 महीने की सैन्य सेवा करनी होगी।
क्या है नया नियम?
डेनमार्क की संसद द्वारा पारित इस कानून के अनुसार:
अब सभी 18 वर्षीय पुरुषों और महिलाओं को सैन्य सेवा के मूल्यांकन के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
पहले की तरह स्वेच्छा से शामिल होने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी।
आवश्यक संख्या पूरी करने के लिए एक लॉटरी सिस्टम के जरिए चयन किया जाएगा।
सैन्य सेवा की अवधि को 4 महीने से बढ़ाकर 11 महीने कर दिया गया है।
पहले क्या था?
इससे पहले, डेनमार्क में महिलाएं केवल स्वैच्छिक आधार पर सैन्य सेवा कर सकती थीं। लेकिन अब यह सेवा कानूनी रूप से अनिवार्य हो गई है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
डेनमार्क सरकार ने मार्च 2025 में घोषणा की थी कि अगले पांच वर्षों में देश का रक्षा बजट 40.5 बिलियन डेनिश क्राउन (करीब 5.9 बिलियन डॉलर) बढ़ाया जाएगा ताकि नाटो (NATO) के सुरक्षा मानकों को पूरा किया जा सके।
वर्तमान में डेनमार्क की सेना में लगभग 9,000 पेशेवर सैनिक कार्यरत हैं। सरकार का लक्ष्य है कि 2033 तक हर साल 6,500 नागरिक सैन्य सेवा में भाग लें।
पड़ोसी देशों की राह पर डेनमार्क
डेनमार्क यह कदम स्वीडन और नॉर्वे जैसे देशों के नक्शेकदम पर चला है, जिन्होंने हाल ही में महिलाओं के लिए अनिवार्य सैन्य सेवा को अपनाया है। यह फैसला लैंगिक समानता और देश की सुरक्षा क्षमताओं को मज़बूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
डेनमार्क के सैन्य सेवा कार्यक्रम के प्रमुख कर्नल केनेथ स्ट्रोम ने कहा:
“यह एक राजनीतिक निर्णय है, जो वर्तमान सुरक्षा स्थिति को देखते हुए लिया गया है ताकि सेना की युद्धक क्षमता को बढ़ाया जा सके और आवश्यक कौशल हासिल किया जा सके।”
क्या सोचते हैं स्वयंसेवक?
सेना में शामिल एक महिला स्वयंसेवक कैटरिन ने रायटर से बात करते हुए कहा:
“जिस तरह की वैश्विक स्थिति आज है, उसमें हमें ज़्यादा रंगरूटों की ज़रूरत है। मुझे लगता है कि महिलाओं को भी पुरुषों की तरह योगदान देना चाहिए। यह एक सकारात्मक और ज़रूरी बदलाव है।”
🔑 मुख्य बिंदु:
अब महिलाएं भी अनिवार्य सैन्य सेवा करेंगी।
सेवा की अवधि 11 महीने होगी।
पुरुषों और महिलाओं को लॉटरी सिस्टम से चुना जाएगा।
सरकार ने रक्षा खर्च में भारी वृद्धि की घोषणा की है।
डेनमार्क का यह ऐतिहासिक कदम न केवल यूरोप की सुरक्षा नीति में बड़ा बदलाव लाता है, बल्कि लैंगिक समानता को भी एक नया आयाम देता है। यह फैसला आने वाले वर्षों में अन्य यूरोपीय देशों को भी इसी दिशा में सोचने को प्रेरित कर सकता है।
— by KhabreeAdda.in





