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‘उदयपुर फाइल्स’ फिल्म की रिलीज पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार, 11 जुलाई को रिलीज होने वाली फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स: कन्हैया लाल टेलर मर्डर’ पर अंतरिम रोक लगा दी है। यह फिल्म 2022 में राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की हत्या पर आधारित है। अदालत ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार इस मामले में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की आपत्ति पर फैसला नहीं ले लेती, तब तक फिल्म की रिलीज नहीं हो सकती।

कोर्ट का आदेश क्या है?

मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति अनीश दयाल की खंडपीठ ने कहा कि जमीयत की ओर से CBFC (सेंसर बोर्ड) को चुनौती देने वाला आवेदन केंद्र सरकार के समक्ष है, और इस पर फैसला होने तक फिल्म को रिलीज नहीं किया जा सकता।

फिल्म को लेकर क्या है विवाद?

जमीयत उलेमा-ए-हिंद और पत्रकार प्रशांत टंडन ने याचिका दाखिल कर कहा कि:

  • फिल्म का ट्रेलर सांप्रदायिक तनाव भड़काने वाला है।

  • मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया गया है।

  • ट्रेलर में ज्ञानवापी मस्जिद जैसे संवेदनशील मुद्दों का भी ज़िक्र है, जो अभी अदालतों में लंबित हैं।

  • CBFC ने नियमों का उल्लंघन करते हुए फिल्म को सर्टिफिकेट दे दिया है।

  • फिल्म में नूपुर शर्मा की टिप्पणी और एक मौजूदा मुख्यमंत्री के पक्षपातपूर्ण चित्रण जैसे विवादित संदर्भ हैं।

फिल्म निर्माता का पक्ष

फिल्म के निर्माता अमित जानी और निर्देशक भरत एस. श्रीनेत की ओर से कहा गया कि:

  • फिल्म अपराध पर आधारित है, किसी समुदाय को टारगेट नहीं करती

  • CBFC ने 55 कट के बाद फिल्म को प्रमाणित किया है।

  • अदालत के कहने पर स्क्रीनिंग के लिए याचिकाकर्ताओं को आमंत्रित भी किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट की स्थिति

सुप्रीम कोर्ट ने भी कन्हैया लाल हत्याकांड के एक आरोपी द्वारा दाखिल की गई तत्काल सुनवाई की मांग को खारिज कर दिया था।


फिल्म पर रोक क्यों लगी? 

विवादआधार
सांप्रदायिक तनाव की आशंकाट्रेलर में मुस्लिम समुदाय और धार्मिक स्थलों का संदर्भ
तथ्यों की तोड़मरोड़कन्हैया लाल हत्याकांड को गलत तरीके से दर्शाने का आरोप
विवादास्पद मुद्दों का उल्लेखज्ञानवापी मस्जिद, नूपुर शर्मा विवाद, मुख्यमंत्री पर टिप्पणी
CBFC के नियमों का उल्लंघनसेंसर बोर्ड पर सिनेमैटोग्राफ एक्ट के उल्लंघन का आरोप

अब आगे क्या होगा?

  • याचिकाकर्ता दो दिन के भीतर केंद्र से संपर्क कर सकते हैं।

  • केंद्र सरकार एक सप्ताह के भीतर सभी पक्षों को सुनकर फैसला लेगी।

  • फिल्म की रिलीज उसी फैसले पर निर्भर करेगी।


उदयपुर फाइल्स’ फिल्म पर रोक न केवल सेंसरशिप पर बहस खड़ी कर रही है, बल्कि यह भी दिखाती है कि अदालतें सांप्रदायिक सौहार्द और सामाजिक जिम्मेदारी को लेकर सजग हैं। अब सबकी नजर केंद्र सरकार के फैसले पर है।

– by Team KhabreeAdda.in

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