Lifestyle News

एक्सीडेंट के बाद टूटी हड्डियों का इलाज अब होगा आसान

Synthetic Bone Grafting: No More Double Surgeries for Bone Repair

भारत में हर साल लाखों लोग सड़क हादसों, स्पोर्ट्स इंजरी या ऑर्थोपेडिक समस्याओं के कारण हड्डी की सर्जरी करवाते हैं। परंपरागत रूप से, हड्डी के टूटे हिस्से को ठीक करने के लिए डॉक्टर मरीज के शरीर से ही हड्डी का एक हिस्सा निकालते थे और उसे टूटे हिस्से में फिट करते थे। यह प्रक्रिया दर्दनाक होती थी और दोहरी सर्जरी की जरूरत होती थी।

लेकिन अब एक नई और क्रांतिकारी तकनीक सामने आई है—सिंथेटिक बोन ग्राफ्टिंग, जो न केवल ऑपरेशन को आसान बनाएगी बल्कि रिकवरी को भी तेज करेगी।


क्या है सिंथेटिक बोन ग्राफ्टिंग?

टोरंटो यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के वैज्ञानिकों ने मिलकर एक ऐसा बायोडिग्रेडेबल फोम तैयार किया है जो शरीर की असली हड्डी की तरह काम करता है।
यह फोम अंदर से छिद्रों से भरा होता है, जो हड्डी की “स्पंजी” संरचना (ट्रेबेक्यूलर बोन) जैसा होता है। इसमें शरीर की दो अहम कोशिकाएं—Osteoblast (नई हड्डी बनाने वाली) और Osteoclast (पुरानी हड्डी हटाने वाली)— आसानी से काम कर सकती हैं।

👉 इस तकनीक से शरीर में नई हड्डी खुद बनने लगती है और बाहर से कोई दूसरी हड्डी लाने की जरूरत नहीं पड़ती।


पुरानी तकनीकों की कमज़ोरियाँ

  • ऑटोग्राफ्टिंग (Autografting): दो जगह कट लगते थे, दर्द और रिकवरी का समय दोगुना होता था।

  • कैल्शियम फॉस्फेट मैट्रिक्स: यह शरीर में घुलता नहीं था और वहीं जमा रह जाता था।

  • फोम ग्राफ्टिंग: छिद्र छोटे होने के कारण हड्डी की कोशिकाएं अंदर नहीं जा पाती थीं।


नई तकनीक में क्या खास?

  • बायोडिग्रेडेबल फोम में अब 1mm तक बड़े छिद्र बनाए गए हैं।

  • कोशिकाएं 3D तरीके से बढ़ती हैं और आधे इंच तक अंदर घुसकर हड्डी बना सकती हैं।

  • ये फोम कुछ महीनों में शरीर में घुल भी जाते हैं और सिर्फ असली हड्डी रह जाती है।


भारत में इसका क्या मतलब?

  • छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में जहां ऑटोग्राफ्टिंग संभव नहीं, वहां सिंथेटिक बोन ग्राफ्टिंग वरदान साबित हो सकती है।

  • AIIMS, IIT, और IISc जैसे संस्थानों ने इस पर रिसर्च शुरू कर दी है।

  • शुरुआती परीक्षण भारत में दंत चिकित्सा और छोटे फ्रैक्चर में अगले साल से शुरू हो सकते हैं।


सिंथेटिक बोन ग्राफ्टिंग भारतीय चिकित्सा प्रणाली के लिए एक गेमचेंजर साबित हो सकती है। दर्द, खर्च और रिकवरी—all तीन में राहत।
KhabreeAdda.in इस पर आने वाले महीनों में और रिपोर्ट लेकर आएगा। हेल्थ टेक्नोलॉजी में यह भारत के लिए एक सुनहरा अवसर है।

 

— by Team KhabreeAdda.in

You may also like

Lifestyle

TV Interface है खराब? जानिए इसे बेहतर बनाने के आसान उपाय…

आजकल स्ट्रीमिंग डिवाइस मनोरंजन का एक अभिन्न हिस्सा बन गए हैं। बाजार में कई विकल्प उपलब्ध होने से, सही स्ट्रीमिंग
Lifestyle

कम कीमत में बेहतरीन लैपटॉप – आपके लिए बेस्ट ऑप्शन

Top Laptop Picks on a Budget – Great Value for Money सस्ते लैपटॉप खरीदते समय इन गलतियों से बचें: खरीदेगा