Health Lifestyle

दिल में कैंसर क्यों नहीं होता – क्या है रहस्य ?

Why Heart Cancer Is So Rare?

जब बात कैंसर की होती है, तो लोग अकसर लिवर, फेफड़े, त्वचा या मस्तिष्क जैसे अंगों की चर्चा करते हैं, लेकिन दिल का कैंसर नाम की बीमारी लगभग कभी सुनने को नहीं मिलती। यह बात जितनी चौंकाने वाली है, उतनी ही दिलचस्प भी है।

कोशिका विभाजन की भूमिका

कैंसर तब होता है जब किसी अंग की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। लेकिन दिल की मांसपेशियों और रक्त वाहिकाओं में कोशिका विभाजन बेहद धीमा होता है – कुछ कोशिकाएं तो साल में एक बार भी नहीं विभाजित होतीं। इस कारण दिल की कोशिकाओं में कैंसर के पनपने की संभावना बहुत कम होती है।


एक अन्य समस्या: एथेरोस्क्लेरोसिस

जहां दिल का कैंसर दुर्लभ है, वहीं दिल की धमनियों में एक आम बीमारी होती है – एथेरोस्क्लेरोसिस। इसमें धमनियों में वसा और कोशिकाओं का जमाव होने लगता है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है और हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है।

यह स्थिति इसलिए रहस्यमय मानी जाती है क्योंकि इसमें कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ती हैं, जबकि कैंसर नहीं बनता। यह विरोधाभास अब भी चिकित्सा जगत के लिए एक पहेली बना हुआ है।


उपचार: एंजियोप्लास्टी का विकल्प

जब धमनियां संकरी हो जाती हैं, तब डॉक्टर एक प्रक्रिया करते हैं जिसे एंजियोप्लास्टी कहते हैं। इसमें एक पतली नली के सहारे ब्लॉकेज को हटाया जाता है और बैलून की मदद से धमनी को चौड़ा किया जाता है। प्रक्रिया कम समय लेती है और अधिकतर मरीज उसी दिन घर जा सकते हैं।

लेकिन…


रेस्टेनोसिस: फिर से रुक जाती हैं धमनियां

कई मामलों में देखा गया है कि एंजियोप्लास्टी के कुछ हफ्तों या महीनों बाद धमनियां फिर से ब्लॉक हो जाती हैं। इस प्रक्रिया को रेस्टेनोसिस कहा जाता है। इसमें कोशिकाएं अत्यधिक मात्रा में बढ़ जाती हैं और रक्त के बहाव को फिर से रोक देती हैं।

रेस्टेनोसिस की सही वजह अभी तक पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। पर इतना ज़रूर सामने आया है कि कुछ अज्ञात कारक इन कोशिकाओं को फिर से बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।


आणविक स्तर पर खोज

जब वैज्ञानिकों ने कोशिकाओं के अंदर गहराई से देखा, तो एक प्रोटीन का नाम सामने आया: P53। यह प्रोटीन शरीर में कोशिका विभाजन को नियंत्रित करता है और नुकसान होने पर कोशिका को मरने का संकेत भी देता है।

चौंकाने वाली बात यह थी कि जिन रोगियों में रेस्टेनोसिस हुआ, उनमें p53 की मात्रा बहुत अधिक पाई गई – लेकिन वह खराब नहीं, बल्कि सामान्य p53 था। इसका मतलब था कि प्रोटीन तो मौजूद था, पर वह ठीक से काम नहीं कर रहा था।


क्या किसी वायरस का हाथ है?

एक संभावित कारण जो सामने आया, वह था एक वायरस – जो कोशिकाओं में छिपकर p53 को निष्क्रिय कर देता है। यह वायरस वर्षों तक शरीर में शांत रहता है और किसी ट्रिगर (जैसे एंजियोप्लास्टी या इम्यून सिस्टम कमजोर होना) के बाद सक्रिय हो सकता है।

ऐसे वायरस कोशिका को उसकी सामान्य प्रक्रिया से भटका देते हैं, जिससे कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं — ठीक वैसे जैसे कैंसर में होता है, लेकिन कैंसर के रूप में नहीं।


वायरल संबंध की पुष्टि?

कुछ अध्ययनों में पाया गया कि जिन मरीजों में p53 अधिक था, उनमें एक विशेष वायरस भी मिला — और जिनमें p53 सामान्य था, उनमें वह वायरस नहीं था। ऐसे निष्कर्षों से यह स्पष्ट हुआ कि वायरस और कोशिकीय असंतुलन के बीच कोई संबंध हो सकता है।


क्या भविष्य में समाधान मिलेगा?

आज भी इस वायरस को पूरी तरह से निष्क्रिय करने के लिए सुरक्षित दवा उपलब्ध नहीं है। लेकिन कई कंपनियां ऐसी दवाओं पर काम कर रही हैं, जो इस वायरस को नियंत्रित कर सकें। यदि ये दवाएं सफल होती हैं, तो रेस्टेनोसिस जैसी समस्याओं को रोका जा सकता है — और शायद दिल की बीमारियों का एक नया चेहरा सामने आएगा।


  • दिल का कैंसर दुर्लभ है क्योंकि उसकी कोशिकाएं बहुत धीमी गति से बढ़ती हैं।

  • एथेरोस्क्लेरोसिस और रेस्टेनोसिस जैसी स्थितियां कोशिकाओं के असामान्य व्यवहार से जुड़ी हैं।

  • कोशिकीय स्तर पर शोध करने से इन बीमारियों के असली कारणों का पता चल सकता है।

  • भविष्य में वायरस-आधारित उपचार और रोकथाम इस क्षेत्र में क्रांति ला सकते हैं।


— by Team KhabreeAdda.in

You may also like

Lifestyle

TV Interface है खराब? जानिए इसे बेहतर बनाने के आसान उपाय…

आजकल स्ट्रीमिंग डिवाइस मनोरंजन का एक अभिन्न हिस्सा बन गए हैं। बाजार में कई विकल्प उपलब्ध होने से, सही स्ट्रीमिंग
Lifestyle

कम कीमत में बेहतरीन लैपटॉप – आपके लिए बेस्ट ऑप्शन

Top Laptop Picks on a Budget – Great Value for Money सस्ते लैपटॉप खरीदते समय इन गलतियों से बचें: खरीदेगा