The Hidden Dangers of Cystic Fibrosis: From Mucus to Malnutrition
सिस्टिक फाइब्रोसिस एक गंभीर आनुवंशिक बीमारी है जिसमें शरीर में नमक के परिवहन में गड़बड़ी हो जाती है। इससे फेफड़ों में गाढ़ा, चिपचिपा बलगम जम जाता है, जो सांस लेने में परेशानी और संक्रमण का कारण बनता है।
मूल समस्या:
इसमें फेफड़ों की एपिथेलियल कोशिकाएं नमक को अवशोषित नहीं कर पातीं। समस्या नमक की अधिकता नहीं, बल्कि बलगम का जमाव है जो बैक्टीरिया के लीए अनुकूल परिवेश बनाता है।
वैज्ञानिक खोज:
वैज्ञानिक ने खोज में पाया कि सीएफ़ (CF) रोगियों में फेफड़ों की प्राकृतिक एंटीमाइक्रोबियल एजेंट्स अपनी क्षमता खो देते हैं। ये एजेंट्स उच्च नमक स्तर की वजह से बैक्टीरिया को मारने में सक्षम नहीं होते।
नमक का प्रतिरक्षा पर प्रभाव:
जब फेफड़ों में नमक का स्तर बढ़ता है, तो ये एजेंट्स निष्क्रिय हो जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप सफेद रक्त कोशिकाएं जीवाणुओं से लड़ती हैं, मर जाती हैं और अतिरिक्त बलगम एवं सूजन का निर्माण करती हैं। यह बलगम बैक्टीरिया के विकास के लिए पोषक बन जाता है, जिससे संक्रमण और सूजन की श्रृंखला बन जाती है।
उपचार की संभावनाएं:
इस खोज के आधार पर दो प्रमुख रणनीतियां उभरती हैं:
ऐसे संशोधित एंटीमाइक्रोबियल एजेंट तैयार करना जो उच्च नमक की स्थिति में भी प्रभावी रहें
ऐसे एडिटिव विकसित करना जो फेफड़ों में नमक के प्रभाव को कम करके एजेंट की क्षमता बढ़ाएं
यह खोज सीएफ़ रोगियों के लिए उम्मीद की किरण लेकर आई है। बलगम को हटाने और नमक-आधारित प्रतिरक्षा बाधाओं को दूर करने वाले उपचार से बीमारी का बेहतर प्रबंधन संभव हो सकता है।
– by Team KhabreeAdda.in





