Illegal Sand Mining Continues in Punjab Despite Monsoon Ban
पंजाब में 1 जुलाई से 30 सितंबर तक नदियों से रेत खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लागू होने के बावजूद, अवैध खनन की घटनाएं बदस्तूर जारी हैं। यह न केवल पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा है, बल्कि यह राज्य के कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है।
मानसून में भी जारी है अवैध खनन
ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, अमृतसर के सीमावर्ती क्षेत्रों जैसे भिंडी सैदान, लोपोके, अजनाला और रामदास में खुलेआम रेत खनन किया जा रहा है। यही हाल तरनतारन, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर और फाजिल्का में भी देखा गया है, जहां खेतों को 15 फीट तक खोद डाला गया है और सड़कों का नामोनिशान मिट गया है।
पुलिस की कार्रवाई और प्रभावहीनता
हालांकि कई जिलों में एफआईआर दर्ज की गई हैं, लेकिन पुलिस की कार्रवाई न के बराबर दिखाई दी है। एक अधिकारी ने स्वीकार किया कि निवारक उपाय नाकाफी हैं।
उच्च न्यायालय की कड़ी टिप्पणी
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार से सवाल किया है कि अवैध खनन को रोकने की योजना कहां है?
रावी नदी पर प्रतिबंध के बावजूद पठानकोट और गुरदासपुर जिलों में खनन जारी है। अदालत ने पंजाब सरकार के हलफनामे को अपर्याप्त बताया।
बीएसएफ की रिपोर्ट
बीएसएफ ने अदालत को बताया कि गुरदासपुर सीमा क्षेत्र में सूर्योदय से पहले और रात भर तक रेत खनन हो रहा है। यह रिपोर्ट बेहद गंभीर मानी जा रही है क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी असर डाल सकती है।
पुलों के पिलर तक खोदाई
रोपड़ जिले में सतलुज और स्वान नदियों के तल से 80 फीट गहराई तक रेत निकाली गई, जबकि सरकार की अनुमत सीमा केवल 10 फीट है। इससे कई पुलों के खंभे तक उजागर हो गए हैं, जो ढहने का खतरा पैदा करते हैं।
सरकार का दावा
खनन मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा है कि
“नई खनन नीति से 90% से ज्यादा अवैध खनन बंद हो चुका है। क्रशर नीति और वेट ब्रिज जैसी व्यवस्थाएं लाई गई हैं।”
हालांकि ग्राउंड रिपोर्ट और अदालत की टिप्पणियां इससे मेल नहीं खा रहीं।
मुख्य मुद्दे संक्षेप में:
अवैध खनन मानसून प्रतिबंध के बावजूद जारी।
न्यायालय और बीएसएफ दोनों ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए।
अधिक गहराई तक खनन से पुलों की संरचना को खतरा।
फाजिल्का में लिंक रोडें गायब, खेतों में 15 फीट तक खुदाई।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई प्रभावहीन।
दो पुलिसकर्मी गिरफ्तार — खनन माफिया को सुरक्षित रास्ता देने के आरोप में।
पंजाब में मानसून के दौरान भी रुक न पाने वाला अवैध खनन, प्रशासन की नाकामी, पर्यावरणीय संकट और न्यायिक अवमानना का प्रतीक बन गया है। जब तक सरकार सख्त और पारदर्शी कार्यवाही नहीं करती, तब तक यह समस्या केवल गहराएगी।
– by Team KhabreeAdda.in





