Majithia’s Remand Extended: Shimla Land Deals Under Vigilance Radar
पंजाब में भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के बीच शिरोमणि अकाली दल (SAD) के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की मुश्किलें और गहरा गई हैं। मोहाली की एक अदालत ने उनकी विजिलेंस रिमांड को चार और दिनों के लिए बढ़ा दिया है। यह निर्णय मशोबरा (शिमला) में 402 हेक्टेयर बेनामी भूमि सौदों की जांच के चलते लिया गया है।
मजीठिया की पेशी और रिमांड विस्तार
सात दिन की रिमांड खत्म होने के बाद मजीठिया को अदालत में पेश किया गया। अदालत ने जांच एजेंसी को और समय देने का निर्णय लिया ताकि वह तथ्यों को उजागर कर सके।
सरकारी वकील का बयान
सरकारी वकील पीआईपी सिंह ने बताया कि जांच के दौरान मशोबरा में 402 हेक्टेयर की बेनामी जमीन के सबूत मिले हैं। जबकि मजीठिया ने 2012 में सिर्फ 0.56 हेक्टेयर जमीन के स्वामित्व का ऐलान किया था। इससे उनके घोषणाओं और असली संपत्ति के बीच फर्क सामने आता है।
अन्य आरोप
मजीठिया के पिता ने सत्ता के दौरान दिल्ली में सैनिक फार्म्स दोबारा खरीदी थी।
उनकी पत्नी गनीव कौर ने जालंधर में एक कॉलोनी (ग्रीन एन्क्लेव) बनाई है, जिसमें उनकी 25% हिस्सेदारी है।
नए दस्तावेजों के आधार पर उन्हें सराया इंडस्ट्रीज के रिकॉर्ड की जांच के लिए गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) ले जाया जा सकता है।
सहयोग न करने का आरोप
वकील का कहना है कि मजीठिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और वह “कठिन नट” हैं। इसलिए विजिलेंस को और रिमांड की आवश्यकता पड़ी।
आगे की कार्यवाही
अब मजीठिया को रविवार को फिर से अदालत में पेश किया जाएगा। वह 25 जून को अमृतसर स्थित अपने घर से गिरफ्तार किए गए थे। उन पर आय से अधिक संपत्ति और ₹540 करोड़ की ड्रग मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं।
अदालत में सुरक्षा और परिवार की मौजूदगी
उन्हें सुबह 10:40 बजे अदालत लाया गया और दोपहर 2:20 बजे ले जाया गया। इस दौरान कड़ी सुरक्षा थी। उनकी विधायक पत्नी गनीव कौर भी इन-कैमरा कार्यवाही के दौरान अदालत में उपस्थित थीं।
बचाव पक्ष का दावा
मजीठिया के वकील अर्शदीप सिंह कलेर और एचएस धनोआ ने आरोप लगाया कि अभियोजन पक्ष के पास कोई पुख्ता सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ वही दोहरा रही है जो वह पहले सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे में कह चुकी है।





