Porcupine hunting case: Maneka Gandhis intervention leads to arrest of…
साही जैसे संरक्षित वन्यजीवों के शिकार का वीडियो इंस्टाग्राम पर किया था साझा, अब सोशल मीडिया पर बढ़ते क्रूरता के ट्रेंड पर सख्ती
पंजाब: वन्यजीवों के अवैध शिकार के लिए पिटबुल जैसे हिंसक कुत्तों का उपयोग और उसे सोशल मीडिया पर दिखाकर बढ़ावा देने के मामले में अब प्रशासन जागा है। पशु अधिकार कार्यकर्ता और सांसद मेनका गांधी के सख्त हस्तक्षेप के बाद, पंजाब के वन्यजीव विभाग ने राजपुरा के जनसुवा गांव निवासी अजय कुमार को गिरफ्तार किया है। आरोपी पर आरोप है कि उसने अपने पिटबुल कुत्तों को साही जैसे संरक्षित जीवों के शिकार के लिए प्रशिक्षित किया और वीडियो इंस्टाग्राम पर अपलोड किया।
साही का शिकार: कानून और नैतिकता दोनों का उल्लंघन
पटियाला वन विभाग को मेनका गांधी के कार्यालय से एक शिकायत और एक पेन ड्राइव प्राप्त हुई जिसमें आरोपी के इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपलोड किया गया शिकार का वीडियो था।
वीडियो में अजय कुमार को अपने कुत्तों की मदद से साही का शिकार करते हुए देखा गया। बाद में आरोपी ने यह वीडियो हटा दिया।
साही एक संरक्षित प्रजाति है जिसे भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची IV के तहत संरक्षण प्राप्त है।
प्राथमिकी और गिरफ्तारियां
सदर राजपुरा पुलिस ने आरोपी के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा 9, 39 और 51 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और दो कुत्ते — जो कि बॉक्सर नस्ल के हैं — हिरासत में लिए गए हैं।
पुलिस को शक है कि छापेमारी से पहले आरोपी ने कुत्तों को किसी अन्य स्थान पर छिपा दिया था। उनकी तलाश जारी है।
साही: मांस और औषधीय गुणों के कारण शिकार का शिकार
साही को उसके मांस, हड्डियों और क्विल्स के लिए मारा जाता है।
इसके क्विल्स का उपयोग पारंपरिक औषधियों में किया जाता है, जिससे इसकी मांग बढ़ती जा रही है।
लेकिन यह क्रूरता न सिर्फ कानून का उल्लंघन है, बल्कि पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भी खतरनाक है।
जांच जारी, मांस खरीदारों की तलाश
पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि क्या आरोपी वन्यजीवों का मांस या अंग किसी को बेचता था।
यदि मांस खरीदार सामने आते हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
वन विभाग ने कहा है कि वे इंस्टाग्राम अकाउंट से हटाए गए सभी वीडियो का डिजिटल विश्लेषण कर रहे हैं।
मेनका गांधी की भूमिका और संदेश
यह पूरा मामला मेनका गांधी के संज्ञान में आने के बाद ही सामने आया, जो पशु अधिकारों के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रही हैं। उनका हस्तक्षेप इस बात का संकेत है कि अगर सतर्कता दिखाई जाए तो ऐसे अपराधों को रोका जा सकता है।
पिटबुल या किसी भी पालतू जानवर का इस्तेमाल वन्यजीवों के अवैध शिकार के लिए करना न सिर्फ अमानवीय है, बल्कि एक गंभीर अपराध भी है। इस मामले में तेजी से हुई कार्रवाई एक सकारात्मक संकेत है। जरूरी है कि सरकार ऐसे मामलों में सख्त रुख अपनाए और सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो को बढ़ावा देने वालों पर कठोर दंड लागू करे।
– by Team KhabreeAdda.in





