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यूक्रेन युद्ध: चुंबकीय शक्ति से सैनिकों को मिल रही है नई जिंदगी, दिल से निकाले जा रहे हैं जानलेवा छर्रे

Ukraine War: Magnetic Power Gives New Life to Soldiers, Deadly Shrapnel Removed from Hearts

युद्ध की विभीषिका में, जहां हर पल मौत का साया मंडराता रहता है, यूक्रेनी सैनिकों के लिए एक नई आशा की किरण जगी है। ड्रोन हमलों की बढ़ती संख्या के साथ, छर्रों से होने वाली चोटें अब युद्ध के मैदान पर एक आम बात हो गई हैं। ऐसे में, यूक्रेनी चिकित्सकों ने एक नई तकनीक विकसित की है – चुंबकीय चिमटी (magnetic extractor)। यह उपकरण सैनिकों के शरीर से, खासकर दिल जैसे नाजुक अंगों से छर्रे निकालने में कारगर साबित हो रहा है, जिससे उनकी जान बचाई जा रही है।

छर्रों से बढ़ती मुश्किल

यूक्रेन में ड्रोन युद्ध के बढ़ने के साथ, छर्रों से होने वाली चोटें आम हो गई हैं। ये ड्रोन हथियार और ऐसी सामग्री ले जाते हैं जो टूटकर छर्रे बनाती हैं, जिससे शरीर में जटिल घाव हो जाते हैं।

  • आंकड़ों के अनुसार, अब युद्ध के मैदान में होने वाले 80% आघात छर्रों की वजह से होते हैं।
  • अगर सेरही का इलाज नहीं किया जाता, तो उनकी जान जा सकती थी।
  • डॉक्टरों के अनुसार, छर्रा इतना नुकीला था कि यह ब्लेड की तरह काम कर रहा था।

चुंबकीय चिमटी: एक जीवन रक्षक तकनीक

सेरही मेलनिक जैसे कई सैनिकों को इस नई तकनीक से जीवनदान मिला है।

  • कार्डियोवैस्कुलर सर्जन सेरही मैक्सिमेंको ने एक वीडियो दिखाया जिसमें एक धातु का टुकड़ा सेरही के धड़कते दिल में फंसा हुआ था।
  • उन्होंने बताया कि कैसे एक पतली चुंबकीय चिमटी की मदद से उसे सुरक्षित रूप से निकाला गया।
  • डॉ. मैक्सिमेंको के अनुसार, इस तकनीक में दिल में बड़े चीरे लगाने की जरूरत नहीं होती। बस एक छोटा सा चीरा लगाकर चुंबक डाला जाता है, जो छर्रे को बाहर खींच लेता है।
  • सिर्फ एक साल में, डॉ. मैक्सिमेंको की टीम ने इस उपकरण से 70 से अधिक सफल हृदय ऑपरेशन किए हैं।

डॉक्टर सेरही मैक्सिमेंको, जिन्होंने सेरही के दिल से छर्रा निकाला

कैसे हुआ इस तकनीक का विकास?

इस चुंबकीय चिमटी का विकास ओलेह बाइकोव के प्रयासों का नतीजा है।

  • ओलेह पहले वकील थे, लेकिन 2014 से सेना को स्वयंसेवक के तौर पर मदद कर रहे हैं।
  • उन्होंने फ्रंट लाइन पर चिकित्सकों से बात की और उनकी जरूरतों को समझा।
  • इन्हीं बातचीत से चुंबकीय चिमटी बनाने का विचार आया।
  • हालांकि, घावों से धातु निकालने के लिए चुंबक का इस्तेमाल क्रीमिया युद्ध (1850s) जितना पुराना है, ओलेह की टीम ने इस पुराने तरीके को आधुनिक बनाया।
  • उन्होंने पेट की सर्जरी के लिए लचीले मॉडल, नाजुक काम के लिए माइक्रो-एक्सट्रैक्टर और हड्डियों के लिए उच्च-शक्ति वाले उपकरण बनाए।

तकनीक का प्रभाव

इस तकनीक से ऑपरेशन ज्यादा सटीक और कम चीर-फाड़ वाले हो गए हैं।

  • चुंबक को घाव की सतह पर घुमाया जाता है ताकि टुकड़े बाहर निकल आएं।
  • फिर, एक छोटा चीरा लगाकर उस टुकड़े को निकाल दिया जाता है।
  • ओलेह ने एक पतली पेन के आकार के उपकरण से एक स्लेजहैमर उठाकर इसकी शक्ति का प्रदर्शन किया।

युद्ध क्षेत्र में एक गेम-चेंजर

इस उपकरण को अन्य युद्ध क्षेत्रों के अनुभवी चिकित्सकों ने भी सराहा है।

  • उनके अनुसार, शरीर में छर्रों को ढूंढना “भूसे के ढेर में सुई ढूंढने” जैसा है।
  • मैन्युअल तरीके से छर्रों को ढूंढना खतरनाक हो सकता है और इसके लिए बड़े चीरों की जरूरत होती है, जिससे खून बहने का खतरा बढ़ जाता है।
  • ऐसे में, चुंबक का इस्तेमाल करके उन्हें आसानी से ढूंढना एक अद्भुत खोज है।

कानूनी अड़चनें और वास्तविकता

हालांकि, चुंबकीय चिमटी को अभी तक आधिकारिक प्रमाणन नहीं मिला है।

  • यूक्रेन के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, चिकित्सा उपकरणों को तकनीकी नियमों का पूरी तरह से पालन करना चाहिए।
  • लेकिन, मार्शल लॉ या आपातकाल की स्थिति जैसे असाधारण मामलों में, सेना और सुरक्षा बलों की जरूरतों को पूरा करने के लिए बिना प्रमाणित उपकरणों के इस्तेमाल की अनुमति है।
  • ओलेह के अनुसार, युद्ध के समय लालफीताशाही के लिए कोई समय नहीं है। उनके लिए, इन उपकरणों से लोगों की जान बचाना सबसे जरूरी है।

एक पत्नी की कृतज्ञता

लविवि में, सेरही की पत्नी यूलिया बस इस बात से खुश हैं कि उनके पति इस चोट से बच गए। उन्होंने इस चिमटी को बनाने वालों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी वजह से ही उनके पति जिंदा हैं।

यूक्रेन में विकसित यह चुंबकीय चिमटी युद्ध के मैदान में घायल सैनिकों के लिए एक वरदान साबित हो रही है। यह तकनीक न केवल जान बचा रही है, बल्कि सैनिकों को तेजी से ठीक होने में भी मदद कर रही है। ऐसे में, यह कहना गलत नहीं होगा कि यह चुंबकीय शक्ति यूक्रेन युद्ध में एक नई उम्मीद लेकर आई है।

– by Team KhabreeAdda.in

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